•   Wednesday, 20 Aug, 2025
Shakkarpur village troubled by railway

रेलवे से परेशान शक्करपुर गांव

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  Varanasi ki aawaz

रेलवे से परेशान शक्करपुर गांव!

आजादी के 77 सालों में रेलवे ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। हजारों सुरंगे बना डाली, पुल, नई रेल लाइन संग कई सिंगल लाईनों का दोहरीकरण और विधुतीकरण कर डाला लेकिन गाजीपुर सिटी और शाहबाजकुली रेलवे स्टेशन के बीच आने वाले ग्रामसभा शक्करपुर में एक अंडर पास नहीं बना पाई। जिसकी मांग ग्रामीण वर्षों से करते आ रहे हैं।

करीब चार हजार की अबादी वाले ग्राम सभा के बीच से गुजरने वाली रेल लाइन से अपने ही गांव के एक छोर से दूसरे छोर को जाने के लिए पांच किलोमीटर के चक्कर लगाने को ग्रामीण मजबूर हैं। खेती किसानी से संबंधित कार्य को करने के लिए भी ग्रामीणों को अपने जान को जोखिम में डालकर दोहरी रेल लाइन पार करना पड़ता है।

आजादी के 77 सालों बाद भी गांव की समस्या रेलवे अंडर पास वाली अधूरी ही है। जिससे आवागमन में थोड़ी सी भी चूक हो गयी तो बढ़े कदम जानलेवा हो सकते हैं। रेलवे के अधिकारियों द्वारा अपने उच्चाधिकारियों को गलत मानचित्र दिखा कर अपनी हठधर्मिता पर अडिग हैं। जिससे घटना दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है।

बताते चलें कि शक्करपुर ग्रामसभा में विगत वर्षों जागरूक नागरिक दयाशंकर ने रेलवे से जन सूचना अधिकार के तहत अडंर पास से संबंधित जानकारी मांगी थी। रेलवे ने जो जानकारी दी वह बेहद चौंकाने वाली थी। रेलवे द्वारा बनाये गए चित्र में गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय जूनियर हाईस्कूल,मातृ स्वास्थ्य केंद्र सहित कई ऐसे सरकारी संस्थान को दर्शाया ही नहीं गया था।

जबकि गांव के बीचोबीच रेल लाइन बिछी होने से प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूल में अध्ययन और अध्यापन का कार्य करने के लिए आने जाने वाले छात्र-छात्राओं संग अध्यापकों को जान जोखिम में डालकर दोहरी रेल लाइन पार करना पड़ता है।

रेलवे अपने एक मानचित्र में गांव के लोगों को अपने ही गांव में जाने के लिए जल्दबाजी में 5 किलोमीटर के चक्कर लगाने को मजबूर किया है। जो किसी तरह से सही नहीं है। गांव में संसाधनों की अपर्याप्तता और खेती किसानी से जुड़े सामान हो या फिर बुजुर्गों, महिलाओं को हाट बाजार या बैंकों के काम से गांव से बाहर जाना हो तो वे लोग जान जोखिम में डाल कर दोहरी रेल लाइन को पार करते ही हैं।

इस समस्या से निजात पाने के लिए ग्रामीणों ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के साथ अपने संवैधानिक अधिकार के तहत जन जागरूकता बैठक कर रेल प्रशासन से अंडर पास की मांग की है।

रिपोर्ट- कृष्ण बिहारी त्रिवेदी..गाजीपुर
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