प्रयागराज 28वे हफ़्ते में जन्म लिए बच्चें का हुवा बेहतर इलाज़ करैली के फातिमा मेमोरियल हॉस्पिटल में


प्रयागराज 28वे हफ़्ते में जन्म लिए बच्चें का हुवा बेहतर इलाज़
करैली के फातिमा मेमोरियल हॉस्पिटल में
बच्चे को मिले नए जीवन से खुश होकर केक काटकर मनाया मां बाप ने हॉस्पिटल में जश्न
प्रयागराज कहा जाता है डॉक्टर भगवान का रूप होता है, कहीं ना कहीं कुछ ऐसी ही कहानी प्रयागराज के करैली क्षेत्र स्थित फातमा मेमोरियल हॉस्पिटल में देखने को मिली। हॉस्पिटल में जनपद प्रतापगढ की रहने वाले मुबीन अहमद की पत्नी ने 28वें हफ़्ते यानी 7 वे माह में बच्चें जन्म दीया प्रतापगढ़ के ही किसी नर्सिंग होम में। सातवें माह में जन्मे बच्चे की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने बच्चे के पिता को बताया कि इतने कम समय में जन्म लेने वाले बच्चे बहुत ही कम बच पाते हैं। हालांकि डॉक्टरों ने बच्चे के पिता को बच्चे की स्थिति के बारे में बताया किसी दूसरे हॉस्पिटल में बच्चे को दिखाइए। जहां बेहतर उपचार मिल सके। बच्चे के मां बाप बच्चे को लेकर जनपद के ही चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बच्चे को दिखाने पहुंचे जहां पर बच्चे की स्थिति को देखते हुए आईसीयू वार्ड में भर्ती हुआ। कहीं ना कहीं जनपद के चिल्ड्रन हॉस्पिटल में उच्च कोटि की मशीनें ना होने के कारण बच्चे को सही उपचार नहीं मिल पाया जिसकी वजह से परिजन परेशान होकर बच्चे की जिंदगी को बचाने के लिए प्रयागराज की ओर रुख किया। परिजन प्रयागराज पहुंचते ही प्रयागराज के चर्चित चिल्ड्रन हॉस्पिटल बच्चे को लेकर पहुंचते हैं वहां पर भी बच्चे को एडमिट किया जाता है लेकिन कहीं ना कहीं ठीक तरीके से इलाज ना मिल पाने के कारण परिजन परेशान हो जाते हैं और वहां से भी थक हार के किसी और हॉस्पिटल पहुंचते हैं। परिजन पूरी तरीके से टूट चुके होते हैं उसी दौरान फरिश्ते के रूप में आए हुए किसी शख्स में करैली के फातमा मेमोरियल हॉस्पिटल के बारे में बताया परिजन बच्चे की जिंदगी को बचाना चाहते थे इसलिए उस शक्स की बात को सुनकर करैली के करेलाबाग रोड़ स्थित फातिमा मेमोरियल हॉस्पिटल पहुंचे। फातिमा मेमोरियल हॉस्पिटल में डॉक्टर द्वारा बच्चे की हालत को देखते हुए बच्ची को तुरंत एडमिट किया। हॉस्पिटल द्वारा फोन करके शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर काशिफ सिद्दीकी को बुलाया जाता है। जैसे ही डॉक्टर हॉस्पिटल पहुंचते हैं बच्चे की स्थिति को देखते हैं परिजनों से बातचीत कर के बच्चे को एनआईसीयू में भर्ती किया। 8 दिन तक डॉक्टरों की टीम की देखरेख में बच्चे का इलाज हुआ बच्चे के स्थिति में धीरे-धीरे सुधार देख तीमारदार खुश नजर आने लगे। बच्चे की स्थिति पूर्ण रूप से सामान्य होने के बाद डॉक्टर काशिफ सिद्दीकी ने बच्चे के माता-पिता को डिस्चार्ज करने की बात बताई तो माता-पिता के साथ-सथ आए हुए अन्य परिजनों का खुशी का ठिकाना ना रहा। माता पिता के साथ आए अन्य परिजनों ने उत्साह पूर्वक हॉस्पिटल में केक काटकर डॉक्टर व नर्स के साथ जश्न मनाया। बच्चे के माता पिता ने फातमा मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर काशिफ सिद्दीकी के साथ-सथ अन्य डॉक्टर व स्टाफ की तारीफ की। इस दौरान डॉ काशिफ सिद्दीकी काफी खुश नजर आएं उन्होंने बताया कि इनकी खुशी ने हमारा हौसला बढ़ाया। डॉक्टर काशिफ सिद्दीकी ने बताया कि एनआईसीयू की स्टॉफ नर्स रामादेवी और रुचि इन दोनों का काफ़ी अहम रोल रहा है या दोनों ने बच्चे की 9 दिन तक बहुत अच्छी तरीके से देखभाल की हैं। डॉक्टरों की टीम में शामिल रहे प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेष डॉक्टर अंजुम अहमद, कंसलटेंट फिजिशियन, डॉक्टर एम०अहमद, जनरल फिजिशियन डॉक्टर मोहम्मद अली सिद्दीकी, जनरल फिजिशियन, डॉ आबिद हुसैन। हॉस्पिटल के डायरेक्टर अहमद अशद ने स्टाफ नर्सों की उत्कृष्ट सेवा को देख उनका मनोबल बढ़ाने के लिए हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा कराया सम्मानित।
रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद
International Nurses Day was celebrated at Popular College of Nursing and Paramedical Institute Bachhav Varanasi with the theme Our Nurses Our Future The Economic Power of Care
