•   Sunday, 14 Dec, 2025
Action Aid organises POSH Act meeting to ensure dignity and safety of women

महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एक्शन एड द्वारा POSH एक्ट बैठक आयोजित

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  Varanasi ki aawaz

महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एक्शन एड द्वारा POSH एक्ट बैठक आयोजित                               

एक्शन एड इंडिया द्वारा दिनांक 08  अगस्त  को सोनभद्र जनपद के विकाश खंड नगवा के पचफेडीया में POSH एक्ट (2013) – कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम पर आधारित एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।इस बैठक में स्थानीय महिला, ग्राम पंचायत सदस्य  , संगठन साथी, तथा मानवाधिकार रक्षक  ने भाग लिया। पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013, जिसे आमतौर पर पीओएसएच अधिनियम (POSH Act) कहा जाता है, एक्शन एड एच आर डी कमलेश कुमार ने बताया कि भारत में महिलाओं के लिए कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने के लिए बनाया गया एक कानून है। इसका मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न को रोकना, निषेध करना और उसका निवारण करना है। 
तथा  कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न को रोकना और पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाना है. 
यौन उत्पीड़न में शारीरिक संपर्क, यौन संबंध बनाने की मांग, यौन टिप्पणी करना, अश्लील साहित्य दिखाना, या किसी भी प्रकार का अवांछित यौन व्यवहार शामिल है.  इसके लिए
प्रत्येक 10 या अधिक कर्मचारियों वाले संगठन को एक आंतरिक शिकायत समिति (ICC)का गठन करना आवश्यक है, जो यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच करेगी. 
प्रत्येक जिले में, जिला अधिकारी को एक स्थानीय शिकायत समिति (LCC) का गठन करना होता है, जो उन मामलों की जांच करती है जहां आंतरिक समिति का गठन नहीं किया गया है या शिकायत नियोक्ता के खिलाफ है कोई भी पीड़ित महिला या उसका कानूनी उत्तराधिकारी तीन महीने के भीतर लिखित रूप में शिकायत दर्ज करा सकती है.
अधिनियम में यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच, सुनवाई और निवारण के लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई है । एखलाख अली ने  बताया कि  अधिनियम कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है महिलाओं के लिए एक सुरक्षित, गरिमापूर्ण और भेदभाव रहित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा मे अधिनियम की गहरी समझ विकसित करना,  तथा समुदाय स्तर पर जागरूकता बढ़ाना था “महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित महसूस कराना केवल कानून का पालन करना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार समाज की पहचान है। POSH एक्ट का प्रभाव तभी दिखेगा जब हम इसकी जानकारी अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाएं।” इस कार्यक्रम में अनिता देवी, सुमन देवी,चिरैया देवी , प्रभावती आदि साथियों ने प्रतिभाग किया।

रिपोर्ट- श्रीराम शुक्ला.. सोनभद्र
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